सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा। विकट रुप धरि लंक जरावा॥ तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥ महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥ ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं? यह भी पढ़ें इंदौर के https://www.instagram.com/reel/DFWTy0gvMKk/
The Definitive Guide To hanuman chalisa
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