कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन https://lyricsshivchalisa52650.sasugawiki.com/6556095/shiv_chalisa_lyrics_in_marathi_an_overview
Shiv chalisa lyrics pdf - An Overview
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